बचपन ऐसा सुनहरा दौर होता जो अक्सर खुशियों का कारण बनता है। कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता 'मेरा प्यारा बचपन' में कुछ पंक्तियां ऐसी ही झांकी दिखाती हैं। कवियत्री लिखती हैं; बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन
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