Tuesday, March 31, 2020
Coronavirus: विजय माल्या ने कहा- 'बेजोड़ है भारत का लॉकडाउन', वित्त मंत्री सीतारमण से मांगी ये मदद
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दूरदर्शन पर 1 अप्रैल से दोबारा प्रसारित होंगे 'चाणक्य' और 'शक्तिमान' समेत ये 5 सीरियल
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Covid 19: काजोल-न्यासा को कुछ नहीं हुआ, कोरोना संक्रमण की खबर एकदम बकवास- अजय देवगन
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1 अप्रैल से इन बैंकों का PNB में होगा विलय, बैंक ने पेश किया नया लोगो
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निजामुद्दीन की मरकज इमारत में पुलिस और मेडिकल टीम मौजूद, 860 लोगों को अस्पताल भेजा गया
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मरकज परिसर को बंद करने का दिया गया था नोटिस- दिल्ली पुलिस
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विजय माल्या ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी, एक बार फिर कर्ज चुकाने का ऑफर दिया

लंदन. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (63) ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी है। माल्या ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का ऑफर दिया है। उसने उम्मीद जताई है कि संकट की इस घड़ी में वित्त मंत्री उसकी बात सुनेंगी। माल्या ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने लॉकडाउन कर बहुत अच्छा फैसला लिया है। मेरी सभी कंपनियों में काम बंद है। लेकिन, हम कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे और उनका खर्च उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार को मदद करनी चाहिए।
माल्या ने कहा- बैंक पैसे लेने को तैयार नहीं
माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का केस चल रहा है। वह पहले भी कई बार कर्ज चुकाने का ऑफर दे चुका है। इस बार भी कहा है कि ना तो बैंक पैसे लेने को तैयार हैं, ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी रिलीज करना चाहता है।
कोरोना से बचने के लिए घर में रहें
माल्या ने लॉकडाउन को गंभीरता से लेने का मैसेज भी दिया है। उसने कहा है कि सुरक्षित रहना और सोशल डिस्टेन्सिंग अहम है। घर में रहकर यह संभव है। अपने परिवार और पेट्स के साथ वक्त गुजारिए। मैं भी यही कर रहा हूं। हम सभी को अपनी बहादुरी का अहसास है लेकिन, यह एक अनजान दुश्मन को चुनौती देने लायक नहीं, क्योंकि यह दुश्मन पुलवामा या कारगिल जैसा नहीं है।
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कोरोना की वजह से नहीं रुकें जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं और दवाईयां: WHO
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Covid 19: जावेद अख्तर ने पूछा- जब काबा और मदीना में मस्जिद बंद की जा सकती है तो भारत में क्यों नहीं ?
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मजदूरों के पलायन पर एलजी ने लिखी सीएम केजरीवाल को चिट्ठी, बोले- पूरे देश को चुकानी पड़ सकती है इस चूक की कीमत
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अमेरिका में कोरोना वायरस से 3,000 से ज्यादा की मौत, संक्रमित मरीजों का आंकड़ा डेढ़ लाख के पार
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कोरोना संकट: मुस्लिम महिला ने हज के लिए जमा किए थे पैसे, अच्छा काम देख RSS से जुड़ी संस्था को दान किए
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क्या सरकार ने 3 महीने बढ़ाया फाइनेंशियल ईयर? जानें खबर की सच्चाई?
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मानव समाज से हाथ मिलाना और गले मिलना खत्म हो जाएगा, इस व्यवहार से भावनाओं को ज्यादा खतरा

लंदन. दुनिया में तेजी से फैल रही महामारी के कारण लोगों में सोशल डिस्टेंस बढ़ रहा है। लोग एक दूसरे के पास जाने के बच रहे हैं। हाथ मिलाना और पब्लिकली गले मिलना अभी लगभग बंद ही है। लोगों के इस बदलते व्यवहार को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ सालों के बाद मानव समाज से हाथ मिलाना और गले मिलने जैसी सामाजिक परंपराएं विलुप्त हो जाएंगी।
डेलिगेशन, बिजनेस मीटिंग और कॉन्फ्रेंस में लंबे समय तक हाथ मिलाते रहने वाले राजनीतिज्ञ और कारोबारी इसकी जगह दूसरे विकल्प तलाशेंगे। शरीर पर मौजूद वायरस को मारने और कपड़ों के साथ-साथ आसपास की चीजों की सतहों को साफ करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इससे सैनिटाइज जैसे पदार्थों की बिक्री बढ़ेगी और वे महंगे भी होंगे।
6 महीने बाद ही हम इसे आदत बना लेंगे
नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर रॉबर्ट डिंगवाल के मुताबिक, ‘‘यूके में 6 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए सोशल डिस्टेंस को बनाए रखा जा सकता है। इसके बाद ये आदतें हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाएंगी। फिर हमारा ध्यान लंबे समय तक हाथ मिलाने से ज्यादा देर तक हाथ धोने में रहेगा।’’
6 तक भी ठीक डेढ़ साल चला तो व्यवहार बदलेगा
पूर्व अमेरिकन सोशलॉजिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जो फ्येगिन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सोशल डिस्टेंसिंग लंबे समय तक बनी रहेगी, हालांकि यह #मी टू जैसे अभियान के कारण पहले ही बढ़ गई थी। हम अपने परिचितों से शायद ही 6 फीट की दूरी पर हमेशा रह पाएं, लेकिन हम उनसे उतनी बार गले नहीं मिल पाएंगे जितना 5 साल पहले मिलते थे। यदि लॉकडाउन 6 महीने से कम समय के लिए रहता है तो हम स्वच्छता को बढ़ा सकेंगे। यह किसी तरह बुरा नहीं होगा। लेकिन यदि यह डेढ़ साल के आसपास रहा तो हमारे व्यवहार में बदलाव आने की संभावना ज्यादा है।’’

टेक्नोलॉजी ने फिजिकल कॉन्टेक्ट की जरूरत कम की
शिकागो यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान की प्रोफेसर पामेला परेस्की के मुताबिक, ‘‘हाथ मिलाना पहले ही बीते जमाने की बात है। आजकल बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हैं, क्योंकि उनके बीच फिजिकल कॉन्टेक्ट बहुत कम हो गया है। हालांकि इंसान को शारीरिक स्पर्श, व्यक्तिगत सामाजिक संपर्क और पारस्परिक अंतरंगता की जरूरत है। ये चीजें हमारे शारीरिक,मानसिक और भावनाओं का हिस्सा हैं। हालांकि दुनियाभर में सरकारों द्वारा लोगों को एकदम दूसरों से दूर नहीं रखा है और यह लंबे समय तक के लिए भी नहीं हैं। आज टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से फिजिकल कॉन्टेक्ट की उतनी जरूरत नहीं रह गई है।’’
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अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक इसे तैयार कर सकती है, इंसानों पर ट्रायल की तैयारी शुरू

वॉशिंगटन. अमेरिकी फार्मा कंपनीजॉनसन एंड जॉनसन (जे एंड जे) अगले साल तक कोरोना का टीका तैयार कर सकतीहै। इसे इमरजेंसी में उपयोग किया जा सकेगा। कंपनी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए एक उपयुक्त कैंडिडेट वैक्सिन वायरस चुन लिया गया है। ऐसे में अब इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस काम पर 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 100 करोड़ रुपए)का निवेश किया जाएगा। जे एंड जे ने इसके लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल रिसर्च डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
कैंडिडेट वैक्सिन (सीवी) एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस होता है। इसे लैब में तैयार किया जाता है। इसका कई चरणों में ट्रायल किया जाता है। इंसानों से पहले जानवरों पर इसका ट्रायल होता है।असरकारी होने पर वैक्सिन निर्माता टीका तैयार करने के लिए है तो इसका उपयोग करते हैं।
जनवरी में ही टीका तैयार करने का काम शुरू हो गया था
कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल्स बताया कि जनवरी में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था। कोरोना का टीका तैयार करने के लिए इबोला वायरस टीका बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। स्टोफेल्स ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ कोल्ड वायरस को मिलाकर यह कैंडिडेट वैक्सिन बनाया है। यह कुछ हद तक कोरोनावायरस की तरह है। उम्मीद है कि यह इंसानों में कोरोना के लिए प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कई कैंडिडेट वैक्सिन तैयार किए गए थे। कई जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया, जिसमें 12 हफ्ते का समय लगा। इसके बाद इनमें से सबसे उपयुक्त सीवी चुना गया।
कोरोना वायरस फैमिली के लिए अभी तक नहीं तैयार है टीका
उन्होंने कहा कि हमने इसका आकलन किया कि किस कैंडिडेट वायरस को अपस्केल किया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया गया कि यह टीका काम भी करे और इसे ज्यादा तादाद में तैयार भी किया जा सके। कोरोनावायरस फैमिली के किसी भी वायरस के लिए अभी तक सफलतापूर्वक टीका तैयार नहीं किया जा सका है। हालांकि, हमें इसे तैयार करने का विश्वास है। क्योंकि, हम एक ऐसी टीम के साथ काम कर रहे हैं जिसने 2002-03 के बीच 800 लोगों की जान लेने वाले सार्स वायरस के लिए टीका तैयार किया था।
मॉडर्ना कंपनी ने टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल पूरा किया था
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना दुनिया की पहली कंपनी थी, जिसने बीते 16 मार्च को टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल कर लिया। कंपनी के अमेरिका के नॉरवुड स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं। हालांकि,अध्यक्ष स्टीफन होज सहित दूसरे नॉन-एसेंशियल स्टाफ घर से काम कर रहे हैं। स्टीफन के मुताबिक, टेस्टिंग का पहला चरण सफल रहता है तो कंपनी बड़े स्तर पर इसे बनाने में सक्षम है। कंपनी 45 लोगों पर टीके का अध्ययन कर रही है। इनके इम्यून सिस्टम नेे अच्छा रेस्पॉन्स किया।
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ब्रिटेन में लॉकडाउन के बावजूद नीली झील देखने पहुंच रहे थे लोग, पुलिस ने काली डाई घोल दी

लंदन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोशिश की जा रही है कि लोग कम से कम घरों से निकलें,जिससे संक्रमण को रोका जा सके। ब्रिटेन में भी लॉकडाउन घोषित किया गया है, लेकिन यहां भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे। लंदन से 170 किलोमीटर दूसर बक्सटन की हर्पर हिल में नीली झील को देखने के लिए लोग लगातार पहुंच रहे थे। अब यहां की पुलिस ने भीड़ को कम करने के लिए झील में काली डाई घोल दी है। इस झील का नाम ब्लू लैगून है।
बक्सटन पुलिस ने 25 मार्च को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हमें पता चला था कि लोग ब्लू लैगून झील में इकट्ठा हो रहे हैं। इस पर हम वहां पहुंचे और झील में काले रंग की डाई दाल दी, ताकि यह लोगों को कम सुंदर लगे।’’ बिट्रेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले सोमवार को देश में लॉकडाउन घोषित किया था। लोगों से घरों में रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आप नियम नहीं मानेंगे तो पुलिस कड़े कदम भी उठा सकती है।

झील के पानी में जहरीले केमिकल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लू लैगून में पानी में जहरीले रसायन है। यहां का पीएच लेवल 11.3 है। पीएच लेवल पानी के अम्लीय और क्षारीय होने के बारे में बताता है। पीएच का मतलब पोटेंशियल ऑफहाइड्रोजन होता हैयानीकी पानी में हाईड्रोजन कितना मौजूद है। पानी में जितनीकम हाइड्रोजन होगी, पीएच लेवल उतना ही ज्यादा होगा और पानी उतना ही झारीय होगा। अगर हाइड्रोजन कम है तो पीएच लेवल कम होगा और पानी अम्लीय होगा। उदाहरण के तौर पर कपड़े धोने के ब्लीच का पीएच लेवल 12 होता है। इसी वजह से पुलिस ब्लू लैगून में लोगों को तैरने से रोकने के लिए तैनात रहती है।

पीएम जॉनसन और प्रिंस चार्ल्स हो चुके हैं संक्रमित
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस और प्रिंस चार्ल्स भी कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके साथ ही यहां के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और स्वास्थ्य सचिव नडाइन डोरिस भी कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं। सोमवार तक यहां संक्रमण के 22 हजार141 मामले सामने आ चुके हैं और 1408 लोगों की मौत हो चुकी है।
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Food, medicine supply still choked; Transport bottlenecks show signs of easing

No outsourcing for these business processes

Coronavirus: निगेटिव आई इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लेकिन अभी रहेंगे क्वॉरेंटाइन में
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कोरोना के कारण आर्थिक संकट में तेलंगाना, मुख्यमंत्री, IAS, IPS समेत सरकारी कर्मचारी की सैलरी में बड़ी कटौती
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37 हजार 797 मौतें: वॉशिंगटन में घर में रहने के आदेश, उल्लंघन करने पर 3.7 लाख रुपए जुर्माना; ट्रम्प ने कहा- अब तक 10 लाख लोगों का टेस्ट हुआ

वॉशिंगटन/रोम. दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। 199 देशों में करीब सात लाख 85 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अब तक 37 हजार 797 मौतें हो चुकी हैं। वहीं, एक लाख 65 हजार 387 व्यक्ति ठीक भी हुए हैं। उधर, सबसे ज्यादा संक्रमण के एक लाख 64 हजार 121 मामले अमेरिका में सामने आए हैं। यहां तीन हजार 163 लोगों की जान जा चुकी है। वॉशिंगटन में लोगों को घर में ही रहने के आदेश जारी किए गए हैं। इसका उल्लंघन करने पर करीब 3.7 लाख जुर्माना (पांच हजार डॉलर), 90 दिन जेल या फिर दोनों ही हो सकती है।
कोलंबिया जिले की मेयर मुरियल बोसर ने सोमवार को ट्वीट किया, “कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि हो रही, इस वजह से मैं कोलंबिया जिले के लिए घर में रहने का आदेश जारी कर रही हूं। लोगों को केवल जरूरी कामों जैसे चिकित्सा, भोजन, जरूरी सामान लाने और महत्वपूर्ण काम के लिए ही बाहर जाने अनुमति होगी है।” वॉशिंगटन के आसपास के स्टेट वर्जीनिया और मैरीलैंड में एक दिन पहले ही इसी तरह के आदेश जारी किए गए थे।
इटली: संक्रमण का आंकड़ा एक लाख के पार
वर्ल्डोमीटर्स डॉट इन्फो के मुताबिक, इटली में संक्रमण का आंकड़ा एक लाख एक हजार 729 हो गया है। वहीं, यहां 11 हजार 591 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में हर दिन औसतन 600 से ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। हालांकि, ईस्टर तक इटली में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। हालांकि, संक्रमण दर में गिरावट की उम्मीद है। सोमवार को 1,648 लोग संक्रमित थे, जबकि एक दिन पहले 3,815 केस सामने आए थे। मौतों के मामले में इटली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।
स्पेन: मौतों का आंकड़ा 7 हजार के पार
इटली के बाद सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश स्पेन है। यहां मौतों का आंकड़ा सात हजार 716 हो गया है। एक दिन पहले तक यहां छह हजार मौतें हुई थीं। यहां संक्रमितों की संख्या 87 हजार 956 है।
फ्रांस: 44 हजार 550 संक्रमित
फ्रांस में संक्रमण के 44 हजार 550 मामले हो चुके हैं। यहां अब तक तीन हजार 24 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस यूरोप का पांचवा देश हैं, जहां तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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चीनी वैज्ञानिकों ने तैयार किया Corona से लड़ने का हथियार, नैनोमटेरियल से संक्रमण को पूरी तरह ठीक करने का दावा
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Corona से जंग: PM केयर्स फंड में अब तक का सबसे बड़ा डोनेशन, पेट्रोलियम कंपनियों ने दिए 1031 करोड़
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Monday, March 30, 2020
हरियाणवी डांसर सपना चौधरी को हुआ इस गलती का अहसास, हाथ जोड़कर मांगी माफी
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Lockdown के बीच सब्जियां और अंडे खरीदतीं नजर आईं TMC सांसद नुसरत जहां, तस्वीरें वायरल
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प्रिंस हैरी और मेगन की सुरक्षा का जिम्मा नहीं उठाएगा अमेरिका, राष्ट्रपति ट्रंप की दो टूक
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क्या 21 दिन के बाद और आगे बढ़ाया जाएगा लॉकडाउन, सरकार ने दिया जवाब
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ट्रम्प बोले- 2 हफ्ते में संक्रमण से मौतों का आंकड़ा चरम पर पहुंच सकता है; व्हाइट हाउस ने 2 लाख के संक्रमित होने का अनुमान जताया

वॉशिंगटन. अमेरिका में कोरोनावायरस की स्थिति भयावह होतीजा रही है। बीते 24 घंटे में 518 लोगों की मौत हो गई।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को व्हाइट हाउस में ब्रीफिंगके दौरान कहा कि अगले दो हफ्ते में मौतों का आंकड़ा अपनेचरम पर पहुंच जाएगा। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग की तारीख भी30 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। ट्रम्प ने मंगलवार को कोरोनाको लेकर सरकार की योजनाएं-रणनीति बता सकते हैं और कुछ अहम घोषणाएं भी कर सकते हैं। व्हाइट हाउस ने देश में 2 लाख लोगों के संक्रमित होने का अनुमान जताया है।
ट्रम्प के मुताबिक, ‘‘12 अप्रैल को ईस्टर है। ईसाइयों का यहबड़ा फेस्टिवल है। तब तक अमेरिका में मरने वालों की संख्यापीक पर पहुंच चुकी होगी। जब तक हम बीमारी से जीत नहींजाते, तब तक इससे खराब स्थिति नहीं होगी। मुझे उम्मीद हैकि इसमें जल्दी ही गिरावट आएगी।’’

‘लोग गाइडलाइंस का पालन करें’
ट्रम्प ने कहा कि सबसे जरूरी यही है कि हर व्यक्तिगाइडलाइंस का पालन करे। उम्मीद है कि हम जून तकरिकवरी कर लेंगे। ट्रम्प ने पहले ईस्टर तक हालात सामान्यहोने की बात कही थी। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकना जरूरी है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग की समयसीमा 30 अप्रैल तक बढ़ाई जाएगी। आप बेहतर कर सकते हैं, इससे हम कोरोना की भयावहता से तेजी से निपट सकेंगे। अमेरिका में कोरोना के 1 लाख 42 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं, 2400 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा खतरा
ग्रामीण इलाकों में कोरोनो महामारी शहरों के मुकाबले ज्यादा कहर बरपा सकती है। यहांपर्याप्त संख्या में डॉक्टर और अस्पतालनहीं हैं।महामारी का केंद्र न्यूयॉर्क शहर है। यहीं सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। इसे अलावा अरकंसास, मिसिसिपी, जॉर्जिया और साउथ कैरोलिना जैसे मिडवेस्ट और साउथ के ग्रामीण अंचलों में भी कोरोना संक्रमण फैलने के संकेत मिले हैं।कोडिक इलाके के नेटिव एसोसिएशन के डायरेक्टर एलिस प्लेटनिकॉफ ने कहा, ‘‘कुछ क्षेत्रों में हमारी क्षमता सीमित होगी, न केवल उपकरणों के मामले में बल्कि कर्मचारियों में भी। जब कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले बढ़ते हैं, तब हमारी चिंताबढ़ना लाजमी है।’’
अलास्का में 59,000 लोगों को मेडिकल फैसिलिटी की जरूरत
शुक्रवार को अलास्का में 85 मामले सामने आए और यहां कोरोना से पहली मौत भी हुई।विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य की 7.37 लाख जनसंख्या का 40 से 70% हिस्सा कोरोनावायरस की चपेट में आ सकता है। प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर 20% आबादी यानी 59 हजार लोगों के लिए चिकित्सा सुविधा की जरूरत होगी। अलास्का में 1500 बेड वाला जनरल हॉस्पिटल है। कुछ स्थानों पर नया मेडिकल सैटअप तैयार करने में दूसरी जगहों के मुकाबले वक्त ज्यादा लग सकता है।
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DSSSB PRT Supplementary Result 2020: डीएसएसएसबी सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी, यहां देखें
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डोनाल्ड ट्रंप बोले-अगले दो हफ्तों में अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से होंगी सबसे ज्यादा मौतें
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लॉकडाउन में मकान मालिक ने घर से निकाला, प्रेग्नेंट पत्नी को लेकर 100 किमी पैदल चला शख्स और फिर...
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Coronavirus: प्रियंका गांधी की टेलीकॉम कंपनियों से अपील, एक महीने तक फ्री करें कॉलिंग
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कोरोना वायरस से जंग में आगे आईं शिल्पा शेट्टी, पीएम राहत कोष में इतनी रकम दान की
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पाकिस्तान में राशन सिर्फ मुस्लिमों को बांटा जा रहा, हिंदुओं से कहा- ये तुम्हारे लिए नहीं; सिंध प्रांत में हिंदुओं के सामने रोजी-रोटी का संकट

इस्लामाबाद.पाकिस्तान में कोरोना महामारी के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। रविवार तक यहां 1560 पॉजिटिव केस सामने आए। इमरान सरकार प्रभावित इलाकों तक मदद पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन कराची में हिंदुओं के साथ इसमें भेदभाव किया जा रहा है। पिछले दिनों यहां राशन और अन्य जरूरी सामान लोगों को बांटा गया, लेकिन हिंदुओं को खाली हाथ लौटा दिया गया, उनसे कहा गया कि यह राहत उनके लिए नहीं बल्कि सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए है। सिंध प्रांत में हिंदुओं की आबादी 5 लाख से ज्यादा है।
सिंध प्रांत में सरकार ने लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों और कामगारों के लिए राशन बांटने का जिम्मा जिला प्रशासन और एक एनजीओ को दिया था। यहां जुटे करीब 3 हजार लोगों के लिए स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग के भी कोई इंतजाम नहीं थे।
राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि कराची शहर और सिंध प्रांत के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले हिंदुओं के सामने खाने-पीने के सामान का गंभीर संकट खड़ा हो चुका है। वे भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के रास्ते सिंध प्रांत में हिंदुओं के लिए राशन और अन्य जरूरी चीजें भेजे।
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दुनियाभर में 33 हजार 509 मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 518 लोगों की जान गई, ट्रम्प ने कहा- अगले 2 हफ्तों में मौतों का आंकड़ा पीक पर होगा

बीजिंग/ जेनेवा/ नई दिल्ली. दुनियाभर के 195 देशों में फैल चुका कोरोनावायरस (कोविड 19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। इस वायरस से अब तक 33 हजार 509 लोगों की मौत हो चुकी है। सात लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। एक लाख 51 हजार से ज्यादा ठीक हुए हैं। वहीं, अमेरिका में 24 घंटे में 518 लोगों की मौत हुई है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अगले दो हफ्तों में मौतों का आंकड़ा पीक पर होगा। साथ ही कहा कि देश में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम 30 अप्रैल तक बने रहेंगे।
ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- एक जून से अमेरिका में हालात सुधरेंगे और स्थिति बेहतर होनी शुरू होगी। उन्होंने दावा किया कि मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोरोना के इलाज के लिए कारगर है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में 1100 मरीजों को ये दवा दी जा रही है। हमें इससे कुछ अद्भूत परिणाम मिलने की उम्मीद है।वहीं, अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी ने बताया कि अमेरिका में हालात और खराब हो सकते हैं। अभी देश में एक से दो लाख लोगों की मौत हो सकती है।
अमेरिका: अब तक2484 लोगों की मौत
वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में अब तक 2,484 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक लाख 42 हजार से ज्यादा लोगो संक्रमित हैं। अमेरिका में न्यूयॉर्क सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां 24 घंटे में संक्रमण के 7200 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 59 हजार से ज्यादा हो गई है। इनमें केवल न्यूयॉर्क सिटी में 33,768 मामले हैं।

चीन: संक्रमण के 31 नएमामले
चीन के स्वास्थ्य अधिकारी ने सोमवार को कहा- देश में कोरोनावायरस के 31 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमेंसे 30 देश से बाहर के लोग हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा किआयोग के अनुसार रविवार को हुबेई प्रांत में चार मौतें हुईं। वहीं, वुहान शहर में 8 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा रहेगा।चीन में अभी तक कोरोना से 3304 लोगों की मौत हुई है। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 81470 पहुंच गई है।

इटली: 24 घंटे में 756 लोगों की मौत
इटली की नेशनल सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक, देश में 24 घंटे में 756 लोगों की मौत हुई है। इसके सआथ ही मौतों का आंकड़ा 10,779 हो गया है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले 97 हजार से ज्यादा हो गए हैं।

स्पेन: दिन में 821 की मौत
स्पेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6803हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 80,110 हो गई है। 26 मार्च को स्पेन की 86 वर्षीय राजकुमारी मारिया टेरेसा की भी संक्रमण से मौत हो गई थी।

ईरान: मौतों का आंकड़ा 2901
न्यायपालिका के प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए रविवार को ईरान के जेलों से कुल एक लाख कैदियों को अस्थायी रूप से रिहा किया गया। मार्च की शुरुआत में करीब 54 हजार लोगों को रिहा किया गया था। यहां वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2901हो गई है, जबकि 38,309 लोग संक्रमित हुए हैं।
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अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में विनाशक हो सकती है कोविड-19 महामारी, यहां न पर्याप्त डॉक्टर और अस्पताल, ना ही सड़कें उपलब्ध

वॉशिंगटन. संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में कोरोनोवायरस महामारी शहरों के मुकाबले ज्यादा कहर बरपा सकती है। यहांपर्याप्त संख्या में डॉक्टर और अस्पतालनहीं हैं,ना ही सड़कें उपलब्ध हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में अब तक कोरोनावायरस के एक लाख 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इनमें दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है। महामारी का केंद्र न्यूयॉक शहर है। यहीं सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। इसे अलावा अर्कांसस, मिसिसिपी, जॉर्जिया और साउथ कैरोलिना जैसे मिडवेस्ट और साउथ के ग्रामीण अंचलों में भी कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने के संकेत मिले हैं।
फैमिली फिजिशियन और कोडिक इलाके के नेटिव एसोसिएशन के डायरेक्टर एलिस प्लेटनिकॉफ ने कहा, कुछ क्षेत्रों में हमारी क्षमता सीमित होगी, न केवल उपकरणों के मामले में बल्कि कर्मचारियों में भी। जब कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले बढ़ते हैं, तब हमारी चिंताओं काबढ़ना लाजमी है। शुक्रवार को एलास्का में 85 मामले सामने आए और यहां कोरोनावायरस से पहली मौत भी हुई।
अलास्का में 59,000 लोगों को मेडिकल फेसेलिटी की जरूरत होगी
विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य की 737500 जनसंख्या का 40 से 70% हिस्सा कोरोनावायरस की चपेट में आ सकता है। प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर 20% जनसंख्या यानि 59,000 लोगों के लिए चिकित्सा सुविधा की जरूरत होगी। अलास्का में 1500 बेड वाला जनरल हॉस्पिटल है। कुछ स्थानों पर नया मेडिकल सेट-अप तैयार करने में दूसरी जगहों के मुकाबले वक्त ज्यादा लग सकता है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोध डेटा के मुताबिक, चर्चित पर्यटनस्थलों जैसे की ब्लेन काउंटी, इडाहो, होम टू सन वैली, न्यूयॉर्क के आसपास के इलाकेपहले से ही कोरोनावायरस के संक्रमण से अधिक प्रभावित हैं।
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As Covid-19 cases rise in India, tech-based health surveillance intensifies

Lockdown: सरकार ने दिया राज्य और जिलों की सीमाओं को सील करने का आदेश
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कोरोना का कहर, 183 देशों के 634,000 लोग संक्रमित, दुनियाभर में मौत का आंकड़ा 30 हजार के पार
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Corona ने उड़ाई ट्रंप सरकार की नींद, US के टॉप हेल्थ ऑफिसर की चेतावनी, अमेरिका में जा सकती है 1 लाख से अधिक जान
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Firms look for ways to keep home-based staff engaged

दुबई में इसके उल्लंघन पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना, सैनिटाइजेशन के लिए ड्रोन से किया जा रहा है छिड़काव

दुबई (डॉ. सुभाष अत्रे) .पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में है। दुबई भी अछूता नहीं। लेकिन यहां हालात नियंत्रित हैं। 28 जनवरी से अब तक 468 मरीज मिल चुके हैं। 55 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि दो की मौत हो गई। सैलानियों से गुलजार रहने वाला दुबई 26 मार्च से 3 दिन के लॉकडाउन में सुनसान है। सड़कें वीरान हैं। मॉल बंद हैं। लेकिन होटल, रेस्त्रां, फूड जाॅइंट्स खुले हैं। कैरेफोर, लुलू हाइपर मार्केट जैसे डिपार्टमेंटल स्टोर्स में रोजमर्रा की जरूरत के सामान की भरमार है। दूध-सब्जी की कोई कमी नहीं। होम डिलीवरी भी जारी है। रसाेई गैस और पानी की बोतलें फोन कर मंगवाई जा सकती हैं। ‘पैनिक परचेज’ नहीं है। सरकार ने प्रतिबंधात्मक कदम धीरे-धीरे लागू किए हैं और लोग सहयोग कर रहे हैं।
हालांकि, यहां लाॅकडाउन के नियम काफी सख्त हैं। नियम तोड़ने पर 50 हजार दिरहम (करीब 10 लाख रुपए) तक जुर्माना लगाया जा रहा है। रात 8 से सुबह 6 बजे तक बाहर न निकलने का नियम भी सख्ती से लागू है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बसों और मेट्रो में बैठने वालों की संख्या एक तिहाई तक कम कर दी गई, ताकि लोगों के बीच सुरक्षित दूरी रहे। जाहिर तौर पर पुलिस की सख्ती नहीं दिखती, लेकिन तीन से ज्यादा लोगों के साथ चलने पर तुरंत टोका जाता है। जरूरी काम के लिए भी कम से कम लोगों को निकलने काे कहा जाता है। सरकार ने दुबई में शुरू की गई सैनिटाइजेशन ड्राइव 4 अप्रैल तक बढ़ा दी है। शहर की सभी 17 हजार टैक्सियां सैनिटाइज की गई हैं। सैनिटाइजेशन के लिए ड्रोन से भी छिड़काव किया जा रहा है। सरकार जांच पर खास ध्यान दे रही है। हालांकि, व्यापारी वर्ग थोड़ा चितिंत है। प्रवासी कामगार भी निराश हैं। हालात नहीं बदले तो उन्हें ऐसे ही वापस जाना पड़ेगा। फिर भी दुबई निराश नहीं। सब मिलकर कोरोना पर जल्द जीत हासिल करना चाहते हैं।
सैनिटाइजेशन पर जोर, जगह-जगह डिस्पेंसर और टिश्यू पेपर लगे
मॉल, सुपर मार्केट, बैंक और अस्पताल जैसे हर सार्वजनिक स्थान पर सैनिटाइजेशन पर जोर है। हर जगह डिस्पेंसर और टिश्यू पेपर लगे हैं। सुपर मार्केट में ग्राहक के सामान लेने के बाद काउंटर पर सफाई के बाद दूसरे की बिलिंग शुरू हाेती है। बैंकों में करंसी और कागजात का लेनदेन ग्लव्स पहन लिफाफों में किया जा रहा है।
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छह महाद्वीपों के 199 देशों में कोरोना; अमेरिका, यूरोप और ईरान खतरे में, चीन में 7 दिन में 100 से कम केस

वॉशिंगटन डीसी.दुनिया के 199 देश कोरोना से प्रभावित हैं। अब तक 6,83,563 केस मिले हैं। 32,144 मौतें हुई हैं। 146,396 मरीज ठीक हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित टॉप 10 देशों में यूरोप के 7, एशिया के 2, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का एक देश है। रविवार को यूरोप का नीदरलैंड भी इसमें आ गया। 6 महाद्वीपों में कोरोना फैल चुका है।
श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली मौत
- श्रीलंका: कोरोना से पहली मौत। 65 साल के इस पीड़ित को डायबिटीज व किडनी की समस्या थी।
- नीदरलैंड: सरकार ने अस्पतालों से 6 लाख खराब मास्क वापस बुलवाए। ये चीन से खरीदे गए थे।
- न्यूजीलैंड: कोरोना से पहली मौत। इस 70 साल की महिला के संपर्क में आए 21 हेल्थवर्कर भी क्वारेंटाइन।
- अफगानिस्तान: हेरात,जलालाबाद के वाणिज्य दूतावासों से भारतीय राजनयिक काबुल शिफ्ट।
- पनामा: प्रशांत महासागर में 15 दिन से फंसे शिप के 1800 यात्रियों को दूसरे शिप में जाने की मंजूरी।
दुनिया: एक दिन में 20504 मामले बढ़े, स्पेन में सबसे ज्यादा
देश | कुल मामले | नए मामले | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 123,828 | +250 | 2,229 | 3,238 |
इटली | 92,472 | ------- | 10,023 | 12,384 |
चीन | 81,439 | +45 | 3,300 | 75,448 |
स्पेन | 78,797 | +5,562 | 6,528 | 14,709 |
जर्मनी | 58,247 | +552 | 455 | 8,481 |
ईरान | 38,309 | +2,901 | 2,640 | 12,391 |
फ्रांस | 37,575 | ------ | 2,314 | 5,700 |
ब्रिटेन | 19,522 | +2,433 | 1,228 | 135 |
स्विट्जरलैंड | 14,593 | +517 | 290 | 1,595 |
नीदरलैंड | 10,866 | +1,104 | 771 | 3 |
बेल्जियम | 10,836 | +1,702 | 431 | 1,359 |
(रात 8:30 बजे तक के आंकड़े)
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Ecomm ops resume but deliveries may move in slow lane

Startups step forward, reach out to governments offering all assistance

Zoho's lawsuit accuses rival Freshworks of stealing client data

Sunday, March 29, 2020
Covid-19: PMO की सीधी नजर, आपात स्थितियों से निपटने के लिए 10 ग्रुप बनाए
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अमेरिका के शिकागो में कोरोना से नवजात की पहली मौत, 24 घंटे पहले हुआ था संक्रमित
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Coronavirus से स्पेन की राजकुमारी मारिया टेरेसा की मौत, रॉयल फैमिली से ऐसा पहला मामला
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कोरोना को कैसे हराया,अशोक कपूर-रामगम्पा तेजा ने 'मन की बात' में बताया
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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश से मांगी माफी, जानिए क्यों?
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Coronavirus: 979 हुई देश में मरीजों की संख्या, 25 की मौत
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4 दिन में 4000 रुपए के उछाल के बाद धड़ाम हुआ सोना, जानिए क्या है वजह, क्या है 10 ग्राम सोने के नए रेट्स
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How countries are using technology to fight coronavirus

Covid-19: Anxieties, life hacks and takeaways from India's CEOs who are navigating uncharted territory

How tech firms are helping institutions smoothen their sudden transition to online teaching

Services startups take steps to protect frontline employees

Covid 19: अक्षय कुमार ने दिया 25 करोड़ का दान, पीएम मोदी ने की तारीफ तो बीवी ट्विंकल ने किया ये Tweet
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कोरोनावायरस से नवजात कम ही प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह गर्भाशय में पहुंच सकता है; विशेषज्ञ इसे लेकर एकमत नहीं

न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत. अब तक यह देखा गया है कि कोरोनावायरस से नवजात ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं,लेकिन, तीन नई रिसर्च के मुताबिक, यह वायरस गर्भाशय में भ्रूण तक पहुंच सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि इनस्टडी कोपूरी तरह सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि ये अभी बहुत छोटे स्तर पर हुई हैं। इनके आधार पर अभी यह नहीं कह सकते कि कोरोनावायरस सच में गर्भाशय की दीवारों को पार कर सकता है।
गर्भाशय की दीवारें किसी भी वायरस और बैक्टीरिया के लिए सबसे बड़ा अवरोध होती है। इस पर स्टडी कर चुकींपीट्सबर्ग यूनिवर्सिटी की डॉ. कैरोलिन कोयने कहती हैं, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोरोनावायरस गर्भाशय की दीवारों को पार कर सकता है। फिर भी, नई स्टडी में यह बात सामने आई है तो यह चिंता का विषय है, क्योंकि अगर वाकई वायरस गर्भाशय में पहुंच सकता है तो यह भ्रूण के लिए एक खतरा ही होगा।’’
गर्भवती को सांस से जुड़ी बीमारियों की आशंकाज्यादा रहती है
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रसव के दौरान होने वाली महामारियों की विशेषज्ञ डॉ. क्रिस्टीना चेंबर्स बताती हैं, ‘‘गर्भवती महिलाओं को सांस से जुड़ी बीमारियों के संक्रमण की आशंकाज्यादा रहती है और यह उनके और उनके बच्चे के लिए हमेशा से एक खतरा रहाहै। हम इस बारे में अब तक कुछ नहीं जानते हैं। यह भी साफ नहीं है कि इस वायरस के गर्भ में पहुंचने के बाद भ्रूण पर क्या असर होगा।’’
गर्भाशय की दीवारें वायरस को रोक लेती हैं,एंटीबॉडीज को जाने देती हैं
आमतौर पर गर्भाशय की दीवारें नुकसान पहुंचाने वाले वायरस और बैक्टीरिया को भ्रूण तक पहुंचने से रोक लेती हैं। ये सिर्फ एंटीबॉडीज को जाने देती हैं, ताकि जन्म से पहले और जन्म के ठीक बाद किसी भी तरह के विषाणु से नवजात को सुरक्षित रखा जा सके। हालांकि, कुछ वायरस इन दीवारों को पार भी कर जाते हैं जैसे हाल ही में जीका वायरस को ऐसा करते पाया गया था। अगर जीका एक से तीन महीने के गर्भ के दौरान भ्रूण के संपर्क में आ जाता है तो इससे बच्चे का मस्तिष्क विकास प्रभावित होता है। उसे गहरा न्यूरॉलाजिकल नुकसान भी होने की आशंकारहती है।
डॉ. कोयने कहती हैं, ‘‘जीका की तरह कोरानावायरस भ्रूण को इतना नुकसान पहुंचाता नजर नहीं आता,लेकिन अगर ऐसा होता है तो गर्भ के गिरनेया समय से पहले प्रसव के ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।’’
तीन स्टडी में नवजातों में कोरोनावायरस को पहचानने वाली एंटीबॉडीज देखीं गई
मार्च में मेडिकल जर्नल ‘द लांसेट’ में छपे के एक आर्टिकल में वुहान में नौ नवजातों पर हुए अध्ययन के मुताबिक, मां से भ्रूण तक कोरोनावायरस पहुंचने का कोई मामला सामने नहीं आया। लेकिन गुरुवार को अमेरिका के जामा पेपर्स में छपी दो स्टडी के मुताबिक, डॉक्टर्स ने नवजातों में कुछ एंटीबॉडीज पायीं, जो वायरस को पहचान सकती थीं। यह इस ओर इशारा करती है कि एंटीबॉडीज की तरह ही कोरोनावायरस भीमां से भ्रूण में पहुंच सकता है।दोनों ही स्टडी में नवजातों में इम्यूनोग्लोब्यूलिन-जी नाम की एंटीबॉडीज को अच्छी संख्या में पाया गया। ये मां से ही भ्रूण तक पहुंचती है।तीन नवजातों में अलग तरह की एंटीबॉडीज भी देखी गईं। इन्हें इम्यूनोग्लोब्यूलिन-एम (आईजी-एम) नाम से जाना जाता है, ये भी कोरोनावायरस को पहचान सकती हैं।

डॉक्टर्स के मुताबिकतीनों स्टडी में कुछ कमियां भी थीं
इन स्टडी में कमी बताते हुए डॉ. कोयने कहती हैं, ‘‘हो सकता है कि वायरस गर्भाशय की दीवार को पार कर गया हो, लेकिन इन स्टडी में गर्भाशय की दीवारों, गर्भनाल के रक्त और भ्रूम के आसपास के द्रव में वायरस को नहीं खोजा गया।’’ द लांसेट जर्नल में छपी स्टडी पर काम करने वाले नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. वी झांग बताते हैं, ‘‘जामा पेपर्स में छपी स्टडी में मां से भ्रूण में वायरस जाने के सबूत अप्रत्यक्ष थे, इनके आधार पर ये नहीं कहा जा सकता कि नवजात में वे एंटीबॉडीज मां से ही आई होंगी।’’
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Lockdown : सीएम नीतीश कुमार ने अब आपदा सीमा राहत शिविर लगाने का दिया आदेश
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लॉकडाउन के बीच इन 10 बैंकों का विलय, 1 अप्रैल से बदल जाएंगे नाम, बढ़ेगा खाताधारकों का काम, जानिए कौन-कौन से बैंक शामिल
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पहली बार संक्रमण से नवजात की मौत; शिकागो में एक साल से कम उम्र के बच्चे की जान गई थी

वॉशिंगटन. दुनिया में फैले कोराेनावायरस ने महामारी का रूप ले लिया है। अमेरिका में इसका खतरा लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को इलिनॉय में नवजात की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दुनिया में इस तरह का पहला मामला है। इससे पहले शिकागो में एक साल से कम उम्र के बच्चे की जान गई थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने कहा, ‘‘नवजात को 24 घंटे पहले कोरोनावायरस का संक्रमण हुआ था। उसकी मौत की खबर ने मुझे हिलाकर रख दिया। जांच जारी है। मौत कोरोनावायरस से ही हुई है। इसे कन्फर्म कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा- मैं जानता हूं, एक नवजात की मौत की खबर कितनी दुखदायी हो सकती है। यह पूरे परिवार के बेहद दुखभरा समय है, जो पूरे साल भर से बच्चे के आने की खुशियां संजो रहा था।

वायरसयुवाओं मेंदुर्लभ ही गंभीर रूप लेता है
स्वास्थ्य के निदेशक नेगोजी एजिक ने एक बयान में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी का रूप ले रहे कोरोनावायरस से अब तक किसी नवजात की मौत का मामला सामने नहीं आया था।’’पिछले हफ्तेफ्रांस के स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सॉलोमन ने पिछले हफ्ते बताया था कि पेरिस के इले-द-फ्रांस क्षेत्र में एक 16 साल की लड़की की मृत्यु कोरोनावायरस से हुई है। उन्होंने कहा था, ‘‘युवाओं के साथ कोरोनावायरस के मामले दुर्लभ ही गंभीर रूप लेते हैं।’’
बूढ़े लोगों को ज्यादा प्रभावित करता वायरस
पिछले हफ्ते ही कैलिफोर्निया में लॉस एंजिल्स काउंटी के स्वास्थ्य विभाग ने एक किशोर के कोरोनावायरस से पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। बाद में उसकी मृत्यु हो गई। कई अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोनावायरस बूढ़े, कमजोर और दूसरी बीमारियों से ग्र्रसित रोगियों को ज्यादा प्रभावित करता है, क्योंकि ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी घट जाती है।
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Lockdown के बीच पीएम नरेंद्र मोदी आज 63वीं बार करेंगे 'मन की बात'
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तिहाड़ जेल पर भी कोरोना का असर, 400 से ज्यादा कैदियों को छोड़ा
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दुनियाभर में 30 हजार लोगों की जान गई, केवल यूरोप में 20 हजार से मौतें; ट्रम्प ने कहा- न्यूयॉर्क को क्वारैंटाइन नहीं किया जाएगा

वॉशिंगटन. दुनिया के सभी 195 देश कोरोनावायरस की चपेट में हैं। रविवार सुबह तक 6 लाख 63 हजार 541 संक्रमितों की पुष्टि हुई। 30,873 लोग जान गंवा चुके हैं। इसी दौरान एक लाख 42 हजार 175 स्वस्थ भी हुए। यूरोप में मौतौं का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा हो गया है। वहीं, अमेरिका में 2200 से ज्यादा जानें गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार देर रात कहा कि न्यूयॉर्क और उसके पड़ोसी राज्यों में क्वारैंटाइन नहीं लगाया जाएगा।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार के बीच न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी किया जाएगा। वे थोड़े समय से इन राज्यों को क्वारैंटाइन करने पर विचार कर रहे थे। व्हाटइट हाउस के कोरोनावायरस टास्क फोर्स की सिफारिश और न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट के गवर्नरों से बातचीत के बाद मैंने कुछ दिनों के लिए इन जगहों पर सख्त ट्रैवल एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा है।’’
अमेरिका: 1 लाख 23 हजार से ज्यादा संक्रमित
अमेरिका में संक्रमितों की संख्या एक लाख 23 हजार से ज्यादा हो गई है। केवल एक दिन में संक्रमण के मामले 15 हजार से ज्यादा बढ़े हैं। वहीं, यहां 2221 लोगों की मौत हुई है।

इटली: 3 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो रहा
यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश इटली है। शनिवार को यहां 889 लोग मारे गए। अब तक दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 92,472 लोग संक्रमित हैं। सरकार ने यहां 9 मार्च से 3 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया था। देश के करीब 6 करोड़ लोग अपने घरों में कैद है। इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे लॉकडाउन की समय सीमा और बढ़ा सकते हैं।
स्पेन: अब तक करीब 6 हजार लोगों की मौत
स्पेन यूरोप का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। यहां अब तक 5982 लोगों की मौत हुई है, जबकि 73,235 व्यक्ति संक्रमित हैं। यहां भी सरकार ने 11 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया है। चीन ने शनिवार को स्पेन को 12 लाख मास्क दिए हैं।
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